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RE treated by Best Sexologist in Patna, Bihar at Dubey Clinic | Dr. Sunil Dubey

पुरुषों में होने वाले प्रतिगामी स्खलन (आरई) के बारे में:

पुरुषो में होने वाला प्रतिगामी स्खलन (आरई), जिसे शुष्क संभोग के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें वीर्य स्खलन के दौरान मूत्रमार्ग से बाहर निकलने के बजाय मूत्राशय में पीछे की ओर बहता है। यह एक प्रकार का स्खलन विकार है जो दुनिया भर में 100 में से 1 या 2 पुरुषों को प्रभावित करता है। वास्तविक रूप से देखा जाय तो यह स्खलन विकार पुरुषों में संभावित आयु 24 वर्ष के बाद होती है।

 

विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो कि पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में दुबे क्लिनिक में एक लम्बे समय से कार्यरत हैं, कहते हैं कि पुरुषों में इस गुप्त व यौन समस्या के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं। लोगो में यौन शिक्षा का निम्न स्तर, निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य सेवा व आत्म-देखभाल की कमी तथा शहरी-ग्रामीण विभाजन पुरुषो में होने वाले इस गुप्त व यौन समस्या के सबसे आम कारक हैं। वे बताते है कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को यह समस्या होने की 10-20% संभावना होती है, उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों में आरई की संभावना 5-10% की है, प्रोस्टेट सर्जरी के बाद 10-20% पुरुषों को आरई का अनुभव होता है, और कम सामाजिक-आर्थिक स्थिति के कारण 5-10% पुरुषों को यह आरई का सामना करना पड़ता है। अगर शहरी-ग्रामीण विभाजन की बात करें तो 3.5% शहरी लोग इस प्रतिगामी स्खलन समस्या का पीड़ित है जबकि 2.5% ग्रामीण लोग इस प्रतिगामी स्खलन समस्या की शिकायत करते हैं। रोगो की प्रकृति, वातावरण में बदलाव, यौन शिक्षा में असमानता, व लोगो को स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की स्थिति उपयुक्त आकड़ो में बदलाव हो सकते है।

 

पुरुषों में प्रतिगामी स्खलन होने के कारण:

डॉ. सुनील दुबे आयुर्वेद चिकित्सा अनुसंधान और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ हैं जिन्होंने पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न गुप्त व यौन विकारों पर अपना शोध किया है। उनका यह शोध, व्यवहारिक व लोगो के इलाज हेतु सफल रहा। प्रतिगामी स्खलन के मामले में, उनका कहना है कि तंत्रिका संबंधी विकार, यौन हार्मोन का असंतुलन, दवा, सर्जरी और चोट इस गुप्त व यौन समस्या के प्रमुख कारण हैं। चलिए अब सभी कारणों को विस्तार से समझते हैं जो किसी व्यक्ति को अपना उपचार और सावधानियां बरतने में मदद करता है।

  • तंत्रिका संबंधी विकार: मधुमेह, मल्टीपल स्केलेरोसिस, रीढ़ की हड्डी की चोटें और पार्किंसंस रोग सबसे आम तंत्रिका संबंधी विकार हैं जो किसी व्यक्ति को प्रतिगामी स्खलन से प्रभावित कर सकते हैं।
  • हार्मोनल असंतुलन: कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर और थायरॉयड विकार हार्मोन का  असंतुलन हैं जो किसी व्यक्ति के यौन जीवन को प्रभावित करते हैं।
  • दवा: एंटीडिप्रेसेंट और एंटीसाइकोटिक्स ऐसी दवाएँ हैं जिनका शरीर पर साइड इफ़ेक्ट होता है, इसलिए इनका इस्तेमाल करते समय हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यह हमारे यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करते है।
  • सर्जरी: प्रोस्टेट, मूत्राशय और मूत्रमार्ग की सर्जरी से प्रतिगामी स्खलन होने की संभावना हो सकती है।
  • चोट या आघात: पेल्विक चोट और मूत्रमार्ग की चोट सबसे आम आघात हैं जो किसी पुरुष के स्खलन को प्रभावित कर सकते हैं।

 

विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, कहते हैं कि अगर हम गुप्त व यौन रोगियों के मामलों को देखें, तो 100 में से 2 पुरुष रेट्रोग्रेड स्खलन से पीड़ित हैं। दरअसल, भारत में इस तरह के गुप्त व यौन रोगियों का प्रतिशत कम है, लेकिन यह भविष्य में व्यक्ति की प्रजनन प्रणाली, प्रजनन क्षमता और कामेच्छा को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इस गुप्त व यौन समस्या के लक्षणों को जानकर, कोई व्यक्ति व्यक्तिगत मदद, उपचार, दवा और मार्गदर्शन के लिए क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिल सकता है।

 

पुरुषों में होने वाले प्रतिगामी स्खलन (आरई) के लक्षण:

  • वीर्य की मात्रा में कमी या अनुपस्थिति का होना।
  • स्खलन के बाद मूत्र का रंग धुंधला या दूधिया हो जाना।
  • संतुष्टि या संभोग सुख प्राप्त करने में कठिनाई होना।
  • दर्दनाक स्खलन का होना।
  • कामेच्छा में कमी का होना।

 

प्रतिगामी स्खलन रोगियों का निदान और चिकित्सा-उपचार:

निदान चिकित्सा मामले के इतिहास, शारीरिक परिक्षण, मूत्र विश्लेषण, वीर्य विश्लेषण और इमेजिंग अध्ययन (अल्ट्रासाउंड) पर आधारित होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार सभी गुप्त व यौन समस्याओं के इलाज के लिए सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि यह प्राकृतिक स्रोत प्रदान करता है और समस्याओं को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने के लिए प्रेरित करता है। अपने आयुर्वेदिक उपचार में, वह जड़ी-बूटियों, प्राकृतिक रसायनों, प्रभावी भस्म और जीवनशैली में बदलाव (तनाव प्रबंधन तकनीक, स्वस्थ आहार, धूम्रपान बंद करना और स्वदेशी उपचार) से संबंधित महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उनका कहना है कि जिनसेंग, मैका, एल-आर्जिनिन, जिंक सप्लीमेंट और अश्वगंधा प्राकृतिक उपचार हैं जो समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

 

यदि आप प्रतिगामी स्खलन या किसी भी गुप्त या यौन समस्या के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो व्यक्तिगत मार्गदर्शन, सहायता, उपचार, दवा और परामर्श के लिए किसी अनुभवी यौन स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या नैदानिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लें। दुबे क्लिनिक सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जो लंगर टोली, चौराहा और पटना-04 में स्थित एक प्रमाणित और गुणवत्ता-अनुमोदित आयुर्वेदा व सेक्सोलॉजी क्लिनिक है। पूरे भारत से गुप्त व यौन रोगी अपने बुनियादी और उन्नत यौन चिकित्सा व उपचार के लिए इस क्लिनिक से संपर्क करते हैं। आप सिर्फ एक कॉल के साथ अपने सही गंतव्य तक पहुँच सकते हैं। फोन पर अपॉइंटमेंट लें और समय पर क्लिनिक पर जाएँ। यह क्लिनिक आपको शुरू से अंत तक उपचार और चिकित्सा में मदद करता है। इस क्लिनिक से अब तक भारत के 7.6 लाख से अधिक गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित हुए हैं।

 

शुभकामनाओं के साथ

दुबे क्लिनिक

भारत का एक प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक

डॉ. सुनील दुबे, वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर

बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)

हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586

स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04